🌸 स्मृतियों का त्याग : जीवन की अनिवार्यता 🌸
बीते पलों की स्मृतियाँ : यादें और जीवन का सत्य जीवन एक निरंतर यात्रा है, जिसमें हम सुख-दुख, हँसी-आँसू और अनेक अनुभवों को समेटते चलते हैं। इस यात्रा में कुछ स्मृतियाँ इतनी मधुर होती हैं कि उन्हें सोचकर मन पुलकित हो उठता है, वहीं कुछ अनुभव इतने पीड़ादायक होते हैं कि वे हृदय को चीर देते हैं। किंतु सत्य यही है कि पुरानी यादें, चाहे सुखद हों या दुखद, एक दिन सभी को भूलनी ही पड़ती हैं। मानव जीवन की यही विशेषता है कि वह परिवर्तनशील है। जैसे टूटी हुई चप्पल या फटे हुए कपड़े चाहे कितने ही प्रिय क्यों न हों, देर से हो या जल्दी, उन्हें त्यागना ही पड़ता है। कभी हँसते हुए, कभी रोते हुए, परंतु अंततः उनका बोझ छोड़ना पड़ता है। उसी प्रकार स्मृतियाँ भी होती हैं। वे चाहे कितनी ही सुंदर क्यों न रही हों, या कितनी ही दुःख देने वाली क्यों न रही हों, समय के प्रवाह में उनसे मुक्त होना आवश्यक है। यदि हम अतीत के सुख में ही डूबे रहें तो वर्तमान का मूल्य नहीं समझ पाते, और यदि दुःख को पकड़े रहें तो भविष्य की राह कठिन हो जाती है। स्मृतियाँ हमें केवल इतना सिखाती हैं कि जीवन क्षणभंगुर है। हर स्थिति, हर संबंध...