"पगन: प्रकृति की गोद में आत्मा की पुकार"





निबंध: 'PAGAN' शब्द के प्रत्येक अक्षर का आध्यात्मिक अर्थ

प्रस्तावना
‘PAGAN’ शब्द सिर्फ पाँच अक्षरों का समूह नहीं है, बल्कि यह एक ऐसी आध्यात्मिक चेतना को दर्शाता है, जो मनुष्य को प्रकृति, आत्मा और सृष्टि से गहरे स्तर पर जोड़ती है। जब हम इस शब्द को उसके प्रत्येक अक्षर के अर्थ के साथ समझते हैं, तो यह एक सम्पूर्ण जीवन-दर्शन बन जाता है। आइए, ‘PAGAN’ शब्द के हर अक्षर का आध्यात्मिक अर्थ जानें और उससे जुड़ी जीवन दृष्टि को समझें।


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P – Purity (पवित्रता)
P अक्षर ‘Purity’ यानी पवित्रता का प्रतीक है। पवित्रता केवल शरीर की नहीं, बल्कि विचारों, कर्मों और आत्मा की भी होनी चाहिए। एक पैगन आत्मा वही है जो जीवन को निर्मल दृष्टि से देखती है, द्वेष और हिंसा से रहित होती है, और प्रत्येक जीव के प्रति करुणा रखती है।


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A – Awareness (जागरूकता)
A अक्षर ‘Awareness’ का संकेतक है। एक सच्चा PAGAN सृष्टि के प्रति सजग होता है। उसे यह ज्ञान होता है कि वह धरती, जल, अग्नि, वायु और आकाश के साथ एक ऊर्जा-सूत्र में बंधा है। वह जागरूक होता है कि उसका प्रत्येक कर्म इस ब्रह्मांड को प्रभावित करता है।


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G – Gratitude (कृतज्ञता)
G का अर्थ है ‘Gratitude’—कृतज्ञता। पैगन जीवन में आभार एक अनिवार्य भाव है। वह सूर्य के प्रकाश, वर्षा की बूंदों, वृक्षों की छाया, और पृथ्वी की उर्वरा शक्ति के प्रति नित्य आभार व्यक्त करता है। यह जीवन की सरलता में सुंदरता खोजने का भाव है।


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A – Acceptance (स्वीकृति)
दूसरा A ‘Acceptance’ को दर्शाता है—स्वीकार करने की शक्ति। एक PAGAN हर जीव, विचार और परंपरा का आदर करता है। वह भिन्नताओं को अस्वीकार नहीं करता, बल्कि विविधताओं को प्रकृति का सौंदर्य मानकर उन्हें गले लगाता है। यह समावेशी दृष्टिकोण ही उसकी आत्मा की सुंदरता है।


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N – Nature (प्रकृति)
अंतिम अक्षर N ‘Nature’ का प्रतीक है। पैगन दर्शन का हृदय ही प्रकृति है। उसका ईश्वर कोई अमूर्त सत्ता नहीं, बल्कि जीवंत जंगल, बहती नदियाँ, चांदनी रातें और खिलते फूल हैं। वह जानता है कि जो कुछ भी वह है, वह प्रकृति की देन है—इसलिए वह उसका सम्मान करता है, उसकी रक्षा करता है।


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उपसंहार
इस प्रकार, ‘PAGAN’ शब्द का हर अक्षर एक आध्यात्मिक मूल्य को उद्घाटित करता है—पवित्रता, जागरूकता, कृतज्ञता, स्वीकृति और प्रकृति। यह शब्द एक मंत्र है, एक दर्शन है, एक जीवन की पुकार है। जब हम इन मूल्यों को अपने भीतर उतारते हैं, तब हम स्वयं एक चलती-फिरती प्रार्थना बन जाते हैं—प्रकृति की आराधना करते हुए, आत्मा की स्वतंत्रता में जीते हुए।

PAGAN कोई पुरानी परंपरा नहीं, बल्कि भविष्य की भी एक संभावना है—एक नई आध्यात्मिक क्रांति का बीज।



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